जानिए अभी वर्तमान में हमारे भारत देश के राष्ट्रपति कौन है Abhi Hamare Desh Ke Rashtrapati Kaun Hai

आज के इस आर्टिकल में हमारे भारत देश के राष्ट्रपति कौन है Hamare Desh Ke Rashtrapati Kaun Hai टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए भारत का राष्ट्रपति, भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट, संविधान में राष्ट्रपति से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद, राष्ट्रपति की क्षमादान करने की शक्ति, राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति, सैन्य शक्तियां, आपातकालीन शक्तियां, और राष्ट्रपति की वीटो शक्ति के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।

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Hamare Desh Ke Rashtrapati Kaun Hai

भारत में अब तक कुल 15 राष्ट्रपति बनाए जा चुके हैं इनमें से तीन कार्यवाहक राष्ट्रपति भी हुए हैं जो कि राष्ट्रपति की मृत्यु के पश्चात बनाए जाते हैं

भारत का राष्ट्रपति

भारत का राष्ट्रपति भारत का प्रथम नागरिक होता है या राष्ट्र का अध्यक्ष एवं राष्ट्र की एकता अखंडता एवं सुदृढ़ता का परिचायक होता है संविधान में संघ की कार्यपालिका शक्तियां राष्ट्रपति को प्राप्त है परंतु वास्तविक शक्तियां प्रधानमंत्री एवं उसकी मंत्रिपरिषद में निहित होती है

हमारे भारत देश के राष्ट्रपति कौन है hamare desh ke rashtrapati kaun hai

वर्तमान में भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी हैं जो कि भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं और भारत की 15 वी राष्ट्रपति हैं
द्रौपदी मुर्मू जी 25 जुलाई 2022 को भारत की राष्ट्रपति बनी
द्रौपदी मुर्मू जी पहले झारखंड के राज्यपाल थी

भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट

डॉ राजेंद्र प्रसाद
डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद भारत के पहले राष्ट्रपति बने वह केवल एक मात्र ऐसे राष्ट्रपति हैं जो कि 2 बार राष्ट्रपति बने

सर्वपल्ली राधाकृष्णन
इन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है उनके जन्म दिवस के अवसर पर 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है

जाकिर हुसैन
जाकिर हुसैन अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुलपति थे और ये भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित हो चुके हैं इनकी पद में रहती ही मृत्यु हो गई थी

वराहगिरी वेंकट गिरी
जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद वीवी गिरी कार्यवाहक राष्ट्रपति बने

मोहम्मद हिदायतुल्लाह
जाकिर हुसैन की मृत्यु के बाद वीवी गिरी कार्यवाहक राष्ट्रपति बने वीवी गिरी द्वारा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के कारण उस समय के भारत के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश मोहम्मद हिदायतुल्लाह भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने

वराह गिरी वेंकट गिरी
यह एकमात्र ऐसे व्यक्ति थे जो कार्यवाहक राष्ट्रपति और राष्ट्रपति दोनों बने ये भारत रत्न से भी सम्मानित हुए

फखरुद्दीन अली अहमद
इनकी भी मृत्यु पद में रहते हुए हुई वे दूसरे राष्ट्रपति थे जो अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके

बीडी जत्ती
फखरुद्दीन अली अहमद की मृत्यु के बाद भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने

नीलम संजीव रेड्डी
नीलम संजीव रेड्डी जी भारत के पहले गैर कांग्रेसी राष्ट्रपति बने

ज्ञानी जैल सिंह
सिख धर्म के भारत के पहले राष्ट्रपति बने
इनके कार्यकाल के दौरान ऑपरेशन ब्लू स्टार इंदिरा गांधी की हत्या और 1984 के सिख विरोधी दंगे जैसी घटनाएं हुई

रामास्वामी वेंकटरमण
यें भारत के आठवें राष्ट्रपति बने

शंकर दयाल शर्मा
यह भारत के 9 वें राष्ट्रपति बने

के आर नारायणन
यह भारत के दसवें राष्ट्रपति थे
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति भी रह चुके हैं इन्होंने द हिंदू का संपादन भी किया

एपीजे अब्दुल कलाम
इन्हें मिसाइल मैन और जनता के राष्ट्रपति के नाम से भी जाना जाता है वह भारत के 11 राष्ट्रपति बने इन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है

प्रतिभा पाटिल
प्रतिभा पाटिल जी भारत की प्रथम महिला राष्ट्रपति बनी

प्रणब मुखर्जी
वे भारत के 13 वे राष्ट्रपति बने उन्हें भारत रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है इन्होंने किताब द कोलिएयन इयर्स लिखा है

रामनाथ कोविंद
भारत के 14वें राष्ट्रपति बने

द्रौपदी मुर्मू
ये भारत की 15 वीं राष्ट्रपति बनी

संविधान में राष्ट्रपति से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद

अनुच्छेद 52 राष्ट्रपति का पद
अनुच्छेद 53
अनुच्छेद 54 राष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 55 राष्ट्रपति के निर्वाचन की एलईडी
अनुच्छेद 56 राष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 57 पुनर्निर्वाचन के लिए पात्रता
अनुच्छेद 58 राष्ट्रपति के लिए अर्हताएं
अनुच्छेद 59 शर्तें
अनुच्छेद 60 शपथ
अनुच्छेद 61 महाभियोग
अनुच्छेद 72 राष्ट्रपति की क्षमादान की शक्तियां
अनुच्छेद 74 मंत्रिपरिषद का राष्ट्रपति को सलाह एवं सहयोग प्रदान करना
अनुच्छेद 123 अध्यादेश जारी करने की शक्ति
अनुच्छेद 143 राष्ट्रपति की सर्वोच्च न्यायालय से सलाह लेने की शक्ति


राष्ट्रपति की क्षमादान करने की शक्ति

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 72 द्वारा यह शक्ति दी गई है कि राष्ट्रपति निम्न अपराध के लिए दोषी करार दिया गया व्यक्ति की सजा को क्षमा कर सकता है

लघुकरण
सजा की प्रकृति को बदलना
जैसे मृत्युदंड को कठोर कारावास में परिवर्तित करना

परिहार
सजा की मात्रा को बदलना
जैसे 2 वर्ष के कठोर कारावास को 1 वर्ष के कठोर कारावास में बदलना

विराम
विशेष परिस्थितियों की वजह से सजा कम करना
जैसे शारीरिक अपंगता या महिलाओं की गर्भावस्था की अवधि के कारण

प्रविलंबन
किसी दंड को कुछ समय के लिए टालना

क्षमा
पूर्णतः माफ कर देना
इसका तकनीकी मतलब यह है कि अपराध कभी हुआ ही नहीं


राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति अनुच्छेद 123

राष्ट्रपति को एक अनोखी विधाई शक्ति प्राप्त है जिसे अध्यादेश कहा जाता है ऐसी शक्ति का प्रयोग केवल भारत के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है
भारतीय संविधान में अध्यादेश का प्रावधान भारत शासन अधिनियम 1935 से लिया गया है

अनुच्छेद 123 के अनुसार अध्यादेश जारी करने की निम्नलिखित परिस्थितियां होती है
यदि राष्ट्रपति को ऐसा प्रतीत हो की विधि के निर्माण की तत्काल आवश्यकता है
सरकार के समक्ष आकस्मिक परिस्थिति विद्यमान हो
संसद के दोनों सदन अथवा एक सदन सत्र में न हो

राष्ट्रपति संघ सूची और समवर्ती सूची के संबंधित विषयों पर अध्यादेश जारी कर सकता है यदि किसी राज्य में राष्ट्रपति शासन हैं अथवा राष्ट्रीय आपातकाल लगा हो तो राष्ट्रपति राज्य सूची पर भी अध्यादेश जारी कर सकता है


सैन्य शक्तियां

राष्ट्रपति भारत की सेना का सर्वोच्च सेनापति होता है एवं जल थल और वायु सेना के प्रमुखों की नियुक्ति करता है
संसद की अनुमति से वह किसी युद्ध की घोषणा या समाप्ति की घोषणा करता है


आपातकालीन शक्तियां

आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए भारत के राष्ट्रपति को संविधान द्वारा अद्वितीय शक्तियां प्रदान की गई हैं राष्ट्रपति को ऐसी शक्ति प्रयोग करने का अधिकार किन परिस्थितियों में प्रदान किया गया है
राष्ट्रीय आपात अनुच्छेद 352
राष्ट्रपति शासन अनुच्छेद 356
वित्तीय आपात अनुच्छेद 360
आपातकाल के समय अनुच्छेद 20 और 21 का निलंबन नहीं हो सकता


राष्ट्रपति की वीटो शक्ति

सामान्यता हर देश में कार्यपालिका के प्रमुख को यह शक्ति दी जाती है कि वह विधायिका द्वारा पारित विधेयक को अधिनियम बनने से रोक सके यह शक्तियां दो कारणों से दी जाती है
यदि विधायक का कोई ऐसा कानून बना रही हो जो संविधान की मूल भावना के विपरीत है तो उसे रोकने के लिए
यदि विधायकों ने कानून के कुछ पक्षों पर पर्याप्त विचार विमर्श ना किया हो और जल्दबाजी में उसे पारित कर दिया हो तो उसे सुधारा जा सके
संविधान के अनुच्छेद 111 के अंतर्गत विधेयक के संदर्भ में राष्ट्रपति के पास तीन विकल्प होते हैं
अपनी सहमति दे दे
अपनी सहमति को सुरक्षित रख ले
विधेयक को पुनर्विचार के लिए संसद को वापस लौटा दे ऐसी स्थिति में यदि संसद विधेयक में संशोधन करके अथवा बिना संशोधन किए विधेयक राष्ट्रपति के पास भेजती है तो उसे राष्ट्रपति को उस पर अपनी सहमति देनी ही पड़ती है
नोट – राष्ट्रपति धन विधेयक को पुनर्विचार के लिए नहीं भेज सकता

प्रायः विश्व के सभी देशों में कुल चार प्रकार के वीटो प्रयोग में लाए जाते हैं

आत्यंतिक वीटों
इसके अंतर्गत विधेयक को सुरक्षित रखने का अधिकार होता है

विशेषित वीटो
इस वीटो का प्रयोग अमेरिका के राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है भारत के राष्ट्रपति द्वारा नहीं

निलंबनकारी वीटो
इसके अंतर्गत राष्ट्रपति को भेजा गया कोई भी विधेयक राष्ट्रपति द्वारा संसद को पुनर्विचार हेतु वापस भेजा जा सकता है
यदि संसद विधायक पर पुनर्विचार करने के बाद संशोधन करके अथवा बिना संशोधन किए राष्ट्रपति के पास पुणे भेजती है तो राष्ट्रपति इस पर अपनी सहमति देने के लिए बाध्य है

पॉकेट वीटो
जब राष्ट्रपति विधेयक को अपने पास ही रखें रहे अर्थात अपनी सहमति या असहमति कुछ ना दे


FAQ

भारत के प्रथम राष्ट्रपति कौन है ?

भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद जी थे |

भारत के राष्ट्रपति कौन है 2023 ?

वर्तमान में 2023 में भारत के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी है जो की भारत के 15वे राष्ट्रपति बने |

इसे भी पढ़े – क्यों बनाए जाते हैं केंद्र शासित प्रदेश

हमने आज के आर्टिकल में हमारे भारत देश के राष्ट्रपति कौन है Hamare Desh Ke Rashtrapati Kaun Hai के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और साथ ही भारत का राष्ट्रपति, भारत के राष्ट्रपति के लिस्ट, संविधान में राष्ट्रपति से संबंधित महत्वपूर्ण अनुच्छेद, राष्ट्रपति की क्षमादान करने की शक्ति, राष्ट्रपति की अध्यादेश जारी करने की शक्ति, सैन्य शक्तियां, आपातकालीन शक्तियां, और राष्ट्रपति की वीटो शक्ति के बारे में बहुत ही अच्छे ढंग से समझा | आपको यह जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं |

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