भारत का संवैधानिक विकास 1858 से 1935 | Bharat ka Samvaidhanik Vikas

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भारत का संवैधानिक विकास 1858 से 1935 Bharat ka Samvaidhanik Vikas

भारत शासन अधिनियम 1858

महारानी के इस घोषणापत्र को लॉर्ड कैनिंग ने इलाहाबाद में 1 नवंबर को पढ़ा
भारत का शासन ब्रिटिश राज के अधीन कर दिया गया
गवर्नर जनरल को अब भारत का वायसराय कहा जाने लगा लॉर्ड कैनिंग भारत के प्रथम वायसराय बने
द्वैध शासन समाप्त कर दिया गया
भारत के राज्य सचिव पद का सृजन किया गया जो कि यह देखता था कि सही तरीके से काम हो रहा है या नहीं और राज्य सचिव वयसराय के निर्णय को पलट भी सकता था |


भारतीय परिषद अधिनियम 1861

इसमें वायसराय को आपातकाल में अध्यादेश जारी करने का अधिकार दिया गया
वायसराय को आवश्यक नियम एवं आदेश जारी करने की शक्ति प्रदान की गई जिसके तहत लॉर्ड कैनिंग ने भारत शासन में पहली बार विभागीय प्रणाली पोर्टफोलियो सिस्टम की शुरुआत की
इस अधिनियम द्वारा मद्रास एवं मुंबई की प्रेसीडेंसी ओं को पुनः कानून बनाने की शक्ति वापस देकर विकेंद्रीकरण की प्रक्रिया की शुरुआत की गई |


भारतीय परिषद अधिनियम 1892

परिषद के भारतीय सदस्यों को वार्षिक बजट पर बहस करने और सरकार से प्रश्न पूछने का अधिकार भी दिया गया लेकिन परिषद के अध्यक्ष को भारतीय सदस्यों द्वारा पूछे गए किसी भी प्रश्न को स्वीकृत किया आज स्वीकृत करने का अधिकार प्राप्त था |
मतदान का अधिकार भी नहीं था |


भारतीय परिषद अधिनियम 1909

इसे मार्ले मिंटो सुधार के नाम से भी जाना जाता है
पहली बार केंद्रीय विधान परिषद हेतु मुस्लिम वर्ग के लिए पृथक निर्वाचन की व्यवस्था की गई
लॉर्ड मिंटो भारत के वायसराय तथा मार्ले इंग्लैंड में भारत के राज्य सचिव थे
मिंटो को सांप्रदायिक निर्वाचन के जनक के रूप में जाना जाता है |


भारत शासन अधिनियम 1919

इसे मोंटेग्यू चेम्सफोर्ड सुधार के नाम से भी जाना जाता है
इसने सांप्रदायिक आधार पर सिक्ख ईसाईयों आंग्ल भारतीय तथा यूरोपियों के लिए भी पृथक निर्वाचन के सिद्धांत को विस्तार दिया
प्रांतों में द्वैध शासन प्रणाली लागू की गई
केंद्र में द्विसदनात्मक विधायिका की स्थापना की गई प्रथम राज्य परिषद दूसरा केंद्रीय विधान सभा
प्रांतीय विषयों को दो भागों आरक्षित तथा हस्तांतरित विषयों में बांटा गया
इस अधिनियम में पहली बार उत्तरदाई शासन शब्द का प्रयोग किया गया |


भारत शासन अधिनियम 1935

भारत में सर्वप्रथम संघीय शासन प्रणाली की नींव रखी गई संघ की दो इकाइयां थी ब्रिटिश भारतीय प्रांत तथा देशी रियासतें
इस अधिनियम के द्वारा प्रांतों में द्वैध शासन समाप्त करके केंद्र में द्वैध शासन प्रणाली लागू की गई
आरबीआई की स्थापना की गई |
म्यानमार को 1937 में भारत से अलग कर दिया गया तथा दो नए प्रांत सिंध और उड़ीसा का निर्माण किया गया
1937 में संगीत न्यायालय की स्थापना की गई |
इसने दलित जातियों महिलाओं और मजदूर वर्ग के लिए अलग से निर्वाचन की व्यवस्था की गई |

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