छत्तीसगढ़ में पुनः भोसला शासन 1830 से 1854
आज के इस आर्टिकल में छत्तीसगढ़ में पुनः भोसला शासन 1830 से 1854 टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए रघु जी तृतीय द्वारा किए गए सुधार कार्य, जिलेदारी व्यवस्था, ताहुतदारी व्यवस्था और उनके काल…
आज के इस आर्टिकल में छत्तीसगढ़ में पुनः भोसला शासन 1830 से 1854 टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए रघु जी तृतीय द्वारा किए गए सुधार कार्य, जिलेदारी व्यवस्था, ताहुतदारी व्यवस्था और उनके काल…
आज के इस आर्टिकल में छत्तीसगढ़ की राजधानी क्या है Chhattisgarh ki rajdhani kya hai टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए chhattisgarh ka capital के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे | छत्तीसगढ़ की राजधानी…
छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास छत्तीसगढ़ का प्राचीन इतिहास CG ka Prachin Itihas के पोस्ट में छत्तीसगढ़ में प्रागैतिहासिक काल से संबंधित जितने भी स्थल है उसे दर्शाया गया है | पूर्व पाषाण कालीन…
छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश अधीक्षक सन 1818 से 1830 के बीच के काल को छत्तीसगढ़ में ब्रिटिश अधीक्षकों ( नियंत्रण ) काल कहा गया हैछत्तीसगढ़ के प्रशासन के लिए ब्रिटिश अधीक्षकों की नियुक्ति की…
छत्तीसगढ़ के इतिहास में इस प्रथा को जन्म देने का प्रमुख कारण मराठा शासकों का नागपुर में रहकर छत्तीसगढ़ में सूबा शासन व्यवस्था Suba shasan in Chhattisgarh को संचालित करना था सूबेदार शासक नहीं होते थे अपितु मराठों के अधीन अधिकारी मात्र होते थे
छत्तीसगढ़ में मराठा शासन Maratha Shasan Chhattisgarh काल कलचुरी वंश के बाद आता है मराठा शासक के सेनापति भास्कर पंत द्वारा कलचुरी शासक को पराजित कर दिया जाता है भास्कर पंत द्वारा 1741 में छत्तीसगढ़ में आक्रमण किया गया इसके बाद छत्तीसगढ़ में अप्रत्यक्ष मराठा शासन प्रारंभ हो जाता है
छत्तीसगढ़ को प्राप्त पुरस्कारों ( CG Rashtriya Puraskar ) में 01 पद्मा विभूषण, 03 पद्मभूषण और 25 पद्मश्री पुरस्कार सम्मिलित हैं भारत सरकार द्वारा भारतीय नागरिकों को विभिन्न क्षेत्रों में विशेष कार्य करने पर उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है जिनमें पद्मा श्री, पद्मा विभूषण और पद्मा भूषण पुरस्कार सम्मिलित हैं छत्तीसगढ़ को अब तक 28 पुरस्कार प्राप्त हुए हैं
राम वन गमन पथ में छत्तीसगढ़ (Ram Van Gaman Path Chhattisgarh) के लिए कुल 75 स्थानों को चिन्हित किया गया है जिसमें पहले चरण में 9 स्थानों का विकास किया जाएगा | Ram…