आज के इस आर्टिकल में द्वंद समास Dwand Samas kise kahte hain टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए द्वंद समास की परिभाषा | Dwand Samas Ki Paribhasha, द्वंद समास के प्रकार और उनके उदाहरण के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।

द्वंद समास की परिभाषा | DwDwand Samas kise kahte hain
द्वंद समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है इसमें दोनों पदों के बीच या तो पूरक या तो विलोम का संबंध होता है |
द्वंद समास के प्रकार
हिंदी व्याकरण में तीन प्रकार के द्वंद समास होते हैं –
वैकल्पिक द्वंद्व समास
इतरेतर द्वंद समास
समाहार द्वंद्व समास
वैकल्पिक द्वंद समास
वैकल्पिक द्वंद्व समास में दोनों पद अथवा शब्द से जुड़े होते हैं
वैकल्पिक द्वंद समास उदाहरण
पाप-पुण्य – पाप अथवा पुण्य
देवासुर – देव अथवा असुर
रात-दिन – रात अथवा दिन
आग-पानी – आग अथवा पानी
जय-पराजय – जय अथवा पराजय
दिवारात्रि – दिवस अथवा रात्रि
कर्तव्याकर्तव्य – कर्तव्य अथवा अकर्तव्य
यश-अपशय – यश अथवा अपशय
लाभ-हानि – लाभ अथवा हानि
धर्माधर्म – धर्म अथवा अधर्म
इतरेतर द्वंद समास
इतरेतर द्वंद समास ने दोनों पद और शब्द से जुड़े होते हैं |
इतरेतर द्वंद समास उदाहरण
शिव-पार्वती – शिव और पार्वती
अन्नजल – अन्न और जल
लोटा-डोर – लोटा और डोरी
बहन-भाई – बहन और भाई
दाल-रोटी – दाल और रोटी
हरिहर – हरि और हर
माता-पिता – माता और पिता
राम-लक्ष्मण – राम और लक्ष्मण
गौरीशंकर – गौरी और शंकर
सीताराम – सीता और राम
हवा-पानी – हवा और पानी
समाहार द्वंद्व समास
जहां दोनों पदों से उनके जैसे सभी पदों का बोध होता है समाहार द्वंद्व समास कहलाता है |
समाहार द्वंद्व समास उदाहरण
रुपया-पैसा – रुपया और पैसा
लेन-देन – लेन और देन
भूल-चूक – भूल गलती
जन्म-मरण – जन्म और मरण
हाथ-पांव – हाथ और पांव
घास-फूस – घास और फूस
थोड़ा-बहुत – थोड़ा या बहुत
चमक-दमक – चमक और दमक
बोल-चाल – बातचीत
मार-पीट – मार और पीट
माता-पिता समास
माता-पिता में द्वंद समास है क्योंकि द्वंद समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है इसमें दोनों पदों के बीच या तो पूरक का या तो विलोम का संबंध होता है
माता-पिता समास विग्रह – माता और पिता
दिन-रात कौन सा समास है
दिन-रात में द्वंद समास है क्योंकि द्वंद समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है इसमें दोनों पदों के बीच या तो पूरक का या तो विलोम का संबंध होता है
दिन-रात समास विग्रह – दिन और रात
राधा-कृष्णा का समास विग्रह
राधा-कृष्णा में द्वंद समास है क्योंकि द्वंद समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है इसमें दोनों पदों के बीच या तो पूरक का या तो विलोम का संबंध होता है
राधा-कृष्णा समास विग्रह – राधा और कृष्णा
सीताराम का समास विग्रह
सीताराम में द्वंद समास है क्योंकि द्वंद समास में दोनों पदों की प्रधानता होती है इसमें दोनों पदों के बीच या तो पूरक का या तो विलोम का संबंध होता है
सीताराम समास विग्रह – सीता और सीता
इसे भी पढ़े – समास के प्रकार
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द्वंद समास कितने प्रकार के होते हैं
द्वंद समास तीन प्रकार के होते हैं –
वैकल्पिक द्वंद समास
समाहार द्वंद्व समास
इतरेतर द्वंद समास
द्वंद समास का उदाहरण क्या है
यश-अपशय – यश अथवा अपशय
बहन-भाई – बहन और भाई
द्विगु और द्वंद समास में क्या अंतर है
द्विगु समास में प्रथम पद संख्यावाचक तथा द्वितीय पद प्रधान होते हैं जबकि द्वंद समास में दोनों पद प्रधान होते हैं |
द्वंद समास की परिभाषा
जब दोनों पदों की प्रधानता होती है तो उसे द्वंद समास कहते हैं |
जब दोनों पदों के बीच पूरक या विलोम का संबंध होता है तो उसे द्वंद समास कहते हैं |
वैकल्पिक द्वंद समास उदाहरण
रात-दिन – रात अथवा दिन
आग-पानी – आग अथवा पानी
इतरेतर द्वंद समास उदाहरण
माता-पिता – माता और पिता
राम-लक्ष्मण – राम और लक्ष्मण
समाहार द्वंद्व समास उदाहरण
चमक-दमक – चमक और दमक
बोल-चाल – बातचीत
हमने आज के आर्टिकल में द्वंद समास Dwand Samas kise kahte hain के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और साथ ही द्वंद समास की परिभाषा | Dwand Samas Ki Paribhasha, द्वंद समास के प्रकार और उनके उदाहरण, के बारे में बहुत ही अच्छे ढंग से समझा | आपको यह जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं |