इस पोस्ट में हमारे द्वारा कर्मधारय समास की परिभाषा Karmdharaya samas ki paribhasha, Karmdharaya samas kise kahate hain और कर्मधारय समास के उदाहरण Karmdharay samas ke udaharan आदि के बारे में जानकारी दी गई है |

कर्मधारय समास की परिभाषा Karmdharaya samas kise kahate hain
इसमें पूर्व पद गौण तथा उत्तर प्रधान होता है किंतु इसके दोनों पदों के बीच विशेषण विशेष्य अथवा उपमान उपमेय का संबंध पाया जाता है |
कर्मधारय समास के उदाहरण Karmdharay samas ke udaharan
उपमान – उपमेय का संबंध
घनश्याम – घन के समान श्याम
कमल नयन – कमल के समान नयन
कर कमल – कमल के समान कर
क्रोधाग्नि – क्रोध रूपी अग्नि
चंद्र मुख – चंद्र के समान मुख
नरसिंह – नर रूपी सिंह
विद्या धन – विद्या रूपी धन
चरण कमल – चरण रुपी कमल
कनक लता – कनक रूपी लता
देह लता – देव रूपी लता
वचनामृत – वचन रूपी अमृत
विशेषण – विशेष्य का संबंध
महाकवि – महान है जो कवि
पितांबर – पीला है जो अंबर
नील अंबर – नीला है जो अंबर
नीलोत्पल – नीला है जो उत्पल
महादेव – महान है जो देव
नीलकमल – नीला है जो कमल
रक्तलोचन – रक्त है जो लोचन
महापुरुष – महान है जो पुरुष
वीरबाला – वीर है जो बाला
नवयुवक – नया-नया है जो युवक
काली मिर्च का समास विग्रह
काली मिर्च में कर्मधारय समास होता है
काली मिर्च समास विग्रह – काली है जो मिर्च
महादेव में कौन सा समास है
महादेव में कर्मधारय समास होता है
महादेव समास विग्रह – महान है जो देव
नीलकमल समास
नीलकमल में कर्मधारय समास होता है
नीलकमल समास विग्रह – नीला है जो कमल
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