आज के इस आर्टिकल में Mob Lynching Meaning in Hindi टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए मॉब लिंचिंग क्या होती है, उसका अर्थ , मॉब लिंचिंग के कारण, मॉब लिंचिंग का उदाहरण, संवैधानिक प्रावधान, सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश, राज्य सरकारों के कानून, प्रभाव, मॉब लिंचिंग को रोकने के उपाय और निष्कर्ष के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।
मॉब लिंचिंग क्या होती है what is mob lynching
जब किसी अनियंत्रित भीड़ के द्वारा किसी अपराध के दोषी को उसके किए गए अपराध के लिए या कभी-कभी मात्र अफवाह ओके आधार पर ही बिना अपराध किए गए व्यक्ति को उसी क्षण सजा दी जाए तथा उसे पीट पीट कर घायल कर अथवा मार डाला जाए तो इस भीड़ के द्वारा की गई ऐसी कार्यवाही को मॉब लिंचिंग कहते हैं |
अर्थात सरल शब्दों में जब किसी भीड़ द्वारा किसी घटना को अंजाम दिया जाता है तो इसे मॉब लिंचिंग (Mob Lynching Meaning in Hindi) कहते हैं |
मॉब लिंचिंग को एक मुहावरा द्वारा भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता इससे बहुत ही अच्छे से समझा जा सकता है |
इस तरह भीड़ द्वारा की गई हिंसा किसी भी तरह से कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं करती आता है यह पूर्णता गैरकानूनी होती है |
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मॉब लिंचिंग का अर्थ Mob Lynching Meaning in Hindi
मॉब लिंचिंग में दो शब्द है एक मॉब और दूसरा लिंचिंग |
मॉब का अर्थ भीड़ होता है और लिंचिंग का अर्थ गैरकानूनी ढंग से दंड देना
अर्थात भीड़ के द्वारा दिया गया दंड मॉब लिंचिंग (Mob Lynching Meaning in Hindi) कहलाता है |
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मॉब लिंचिंग के कारण
धार्मिक असहिष्णुता
भारत में धर्म एवं जाति के नाम पर हिंसा काफी लंबे समय से चलते आ रही हैं किन्ही भी दो धर्मों या समुदायों के बीच असहिष्णुता घृणा और अविश्वास होने के कारण मॉब लिंचिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं |
अर्थात यह कहा जा सकता है कि हमारे देश में बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच घृणा और अविश्वास के कारण गहरी खाई बन गई है और उन्हें मौका मिलने पर वह बदला लेने के लिए मोब लिंचिंग का इस्तेमाल करते हैं |
सोशल मीडिया
सोशल मीडिया के भड़काऊ भाषण और अंधविश्वास से भरे मैसेज से भी इस प्रकार की घटनाएं को अंजाम मिलता है |
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उचित कानून व्यवस्था का अभाव
जो भी लोग मॉब लिंचिंग में होते हैं उन्हें यह बात अच्छी तरह से मालूम होती है कि उनकी गिरफ्तारी लगभग असंभव है क्योंकि भारत में मॉब लिंचिंग से संबंधित अभी तक कोई भी सटीक कानून नहीं बनी है जिसके कारण पुलिस प्रशासन भी इन असामाजिक तत्वों को गिरफ्तार करने में नाकामयाब रही है और यही कारण है कि कुछ अपराधी मॉब लिंचिंग का सहारा लेकर अपने अपराध को अंजाम देते हैं |
वोट-बैंक की राजनीति
भारत में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा वोट बैंक की राजनीति करने के कारण दो धर्मो और समुदायों के बीच अविश्वास की गहरी खाई बन जाती है जो मॉब लिंचिंग का कारण भी बन जाती है |
बच्चा चोरी का आरोप
किसी व्यक्ति पर बच्चा चोरी का आरोप भी मॉब लिंचिंग का एक मुख्य कारण है इसमें जब किसी व्यक्ति द्वारा या कहा जाता है कि उस व्यक्ति के द्वारा बच्चे की चोरी की गई है तब भीड़ के द्वारा उस व्यक्ति को पीट-पीटकर मार डाला जाता है |
मॉब लिंचिंग का उदाहरण Mob Lynching Meaning in Hindi
वर्ष 2017 में हुई पहलू खान हत्याकांड जोकि मॉब लिंचिंग का एक उदाहरण है जिसमें कुछ गौ रक्षकों की भीड़ के द्वारा गौ तस्करी के झूठे आरोप में पहलू खान की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई |
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संवैधानिक प्रावधान
भारतीय दंड संहिता में मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं के विरुद्ध कार्यवाही को लेकर किसी भी तरह का स्पष्ट उल्लेख नहीं मिलता है इसे हत्या (धारा 302) , हत्या का प्रयास (धारा 307), दंगा फसाद इसके तहत ही मॉब लिंचिंग की घटनाओं की कार्रवाई की जाती है |
किसी भी भीड़ द्वारा किसी व्यक्ति की हत्या की जाने पर आईपीसी की धारा 302 और 849 को मिलाकर कार्यवाही की जाती है और इसी तरह जब किसी भीड़ द्वारा किसी व्यक्ति की हत्या का प्रयास किया जाता है तो धारा 307 और 149 को मिलाकर कार्यवाही की जाती है |
सीआरपीसी में भी मॉब लिंचिंग की घटनाओं के लिए कोई विशेष कानून नहीं है |
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सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश
राज्य सरकार को प्रत्येक जिले में अनुवाद लिंचिंग को रोकने के लिए एक सीनियर पुलिस अधिकारी को प्राधिकृत करेगी |
राज्य सरकार शीघ्रता से उन जगहों पर की पहचान करेगी जहां हाल ही में लिंग की घटनाएं हुई हैं और नोडल अधिकारी मॉब लिंचिंग से संबंधित अंतर जिला स्तरीय मुद्दों को राज्य के डीजीपी के समक्ष प्रस्तुत करेगा |
केंद्र तथा राज्य सरकारों द्वारा रेडियो टेलीविजन तथा सोशल मीडिया का प्रयोग करके या प्रसारित करना होगा कि मोब लिंचिंग की घटना में शामिल होने वाले लोगों को कठोर दंड दिया जाएगा |
सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म जहां पर भड़काऊ और गैर जिम्मेदारी भाषण संदेश दिए जाते हैं उन पर प्रतिबंध लगना चाहिए तथा उन एस आई आर दर्ज करना चाहिए |
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राज्य सरकारों के कानून mob lynching in india
सर्वोच्च न्यायालय के द्वारा दिए गए दिशा-निर्देशों के को पालन करते हुए सर्वप्रथम सबसे पहले मणिपुर ने साल 2018 में मॉब लिंचिंग के विरुद्ध प्रस्ताव पारित किया जिसमें निम्न बिंदु शामिल थे –
इस विधेयक में यह सुनिश्चित किया गया कि लेनजिंग जैसे अपराधों को रोकने के लिए प्रत्येक जिले में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति की जाएगी |
पुलिस प्रशासन के द्वारा उनके अधिकार क्षेत्र में मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने में असफल पाने में जुर्माना का प्रावधान रखा गया
इसके साथ ही मॉब लिंचिंग में पीड़ितों को मुआवजा प्रदान करने की बात कही गई |
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मणिपुर सरकार द्वारा मोब लिंचिंग के विरुद्ध विधेयक पारित करने के पश्चात राजस्थान राज्य सरकार के द्वारा 2019 में मॉब लिंचिंग के विरुद्ध विधेयक पारित किया गया
इसी दौरान संसदीय कार्य मंत्री द्वारा सदन में प्रस्तुत किए गए कुछ आंकड़ों के अनुसार यह बात सामने आई कि वर्ष 2014 के बाद देश में घटित मॉब लिंचिंग की घटनाओं में से 78% घटनाएं राजस्थान में हुई थी
राजस्थान के बाद पश्चिम बंगाल की राज्य सरकार के द्वारा मोब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए भी एक विधेयक पारित किया गया जिसमें कहा गया कि मॉब लिंचिंग की घटनाओं में किसी व्यक्ति को घायल करने पर शामिल व्यक्तियों को 3 साल से लेकर आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है |
यदि मॉब लिंचिंग से किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो मॉब लिंचिंग में शामिल व्यक्तियों को मृत्युदंड या आजीवन कारावास का भी प्रावधान रखा गया |
अभी तक सिर्फ मणिपुर, राजस्थान और पश्चिम बंगाल राज्य के द्वारा ही मॉब लिंचिंग से संबंधित विधेयक प्रस्तुत किए गए हैं |
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प्रभाव
भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 प्रत्येक व्यक्ति को जीवन जीने का अधिकार देता है मॉब लिंचिंग से व्यक्ति के इस मौलिक अधिकार का हनन होता है |
राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठते हैं जिसके कारण ग्लोबल पीस इंडेक्स में भारत की रैंकिंग बहुत ही खराब होते जा रही है |
यहां विदेशी और घरेलू निवेश दोनों को मुख्य रूप से प्रभावित करता है जिसके कारण हमारी अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हमारी छवि खराब होती जाती है |
मॉब लिंचिंग के कारण हमारे देश के विभिन्न धर्मों के बीच जाति, वर्ग और सांप्रदायिक घृणा को बढ़ावा मिलता है |
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मॉब लिंचिंग को रोकने के उपाय
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सुझाए गए कानूनों का कठोरता से पालन किया जाना चाहिए |
सोशल मीडिया जहां अफवाहों का प्रचार-प्रसार अधिक होता है उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए |
राज्य सरकारों द्वारा मॉब लिंचिंग के खिलाफ विधेयक पारित करना चाहिए |
राज्य और केंद्र सरकार द्वारा टीवी रेडियो पर प्रचार प्रसार किया जाना चाहिए मॉब लिंचिंग में पाए जाने वाले अपराधियों को कठोर से कठोर सजा दी जाएगी |
निष्कर्ष
हमें मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं से लड़ने के लिए सर्वोच्च न्यायालय द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करना चाहिए इसके लिए अपराधियों को कठोर से कठोर सजा दी जानी चाहिए हमारे देश में विभिन्न राजनीतिक पार्टियां अपने वोट बैंक के लिए दूसरे धर्मों के खिलाफ घृणा फैलाते हैं जिससे लोगों में उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचता है और इसका अंजाम मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएं होती हैं अतः इस पर हमें कठोर नियम बनाने की जरूरत है |
FAQ
सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग जैसी घटनाएँ किस राज्य में होती है ?
सबसे ज्यादा मॉब लिंचिंग की घटना राजस्थान में होती है
मॉब लिंचिंग मतलब क्या होता है ?
मॉब लिंचिंग में दो शब्द है एक मॉब और दूसरा लिंचिंग |
मॉब का अर्थ भीड़ होता है और लिंचिंग का अर्थ गैरकानूनी ढंग से दंड देना
अर्थात भीड़ के द्वारा दिया गया दंड मॉब लिंचिंग कहलाता है |
हमने आज के आर्टिकल में Mob Lynching Meaning in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और साथ ही मॉब लिंचिंग क्या होती है, उसका अर्थ , मॉब लिंचिंग के कारण, मॉब लिंचिंग का उदाहरण, संवैधानिक प्रावधान, सर्वोच्च न्यायालय के दिशा निर्देश, राज्य सरकारों के कानून, प्रभाव, मॉब लिंचिंग को रोकने के उपाय और निष्कर्ष के बारे में बहुत ही अच्छे ढंग से समझा |