राम वन गमन पथ में छत्तीसगढ़ (Ram Van Gaman Path Chhattisgarh) के लिए कुल 75 स्थानों को चिन्हित किया गया है जिसमें पहले चरण में 9 स्थानों का विकास किया जाएगा |

राम वन गमन मार्ग प्रोजेक्ट
राम वन गमन पथ (ram van gaman path chhattisgarh) वाह मार्ग है जिसे भगवान राम सीता और लक्ष्मण के द्वारा उन जगहों पर वनवास का समय बिताया गया था |
यह मार्ग अयोध्या से शुरू होकर श्रीलंका पर समाप्त होता है |
राम वन गमन पथ के अंतर्गत भारत भर में कुल 248 स्थानों की पहचान की गई है |
यह परियोजना उत्तर प्रदेश मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में चल रही है जिन के प्रमुख स्थल निम्न है-
उत्तर प्रदेश में राम वन गमन पथ
अयोध्या
प्रयागराज
सुल्तानपुर
प्रतापगढ़
मध्यप्रदेश में राम वन गमन पथ
चित्रकूट
अमरकंटक
सतना
श्रीलंका में राम वन गमन पथ
लंकापुरी
रामायण काल में छत्तीसगढ़ का नाम दक्षिण कोशल और बस्तर का नाम दंडकारण्य था |
माता कौशल्या दक्षिण कौशल के राजा भानु मंत्र की पुत्री थी अर्थात माता कौशल्या दक्षिण कोशल की राजकुमारी थी |
एक शोध के अनुसार भगवान राम ने वनवास काल में लगभग 10 वर्ष छत्तीसगढ़ में व्यतीत किए थे |
राज्य सरकार द्वारा मन्नू लाल यादव की दंडकारण्य रामायण और हेमू यादों की छत्तीसगढ़ पर्यटन में राम वन गमन पथ किताब को श्री राम वन गमन पथ (ram van gaman path) के लिए आधार माना गया है |
Ram Van Gaman Path Chhattisgarh
सीतामढ़ी हर चौका ( कोरिया )
जब भगवान से आम 14 वर्ष के वनवास के लिए निकले थे तब छत्तीसगढ़ का पर प्रवेश उन्होंने इसी स्थान से किया था इस स्थान पर भगवान राम के पद चिन्ह हैं और गुफा को काटकर 17 कक्ष बनाए गए हैं जिसे हरचौका के नाम से जाना जाता है |
रामगढ़ ( सरगुजा )
सीता बेंगरा की गुफा है यहां सीता माता का निवास स्थान था |
शिवरीनारायण ( जांजगीर चांपा )
यहां माता शबरी का आश्रम है भगवान श्रीराम ने यही माता शबरी के जूठे बेर खाए थे |
तुरतुरिया ( बलोदा बाजार )
यहां महर्षि वाल्मीकि जी का आश्रम था और यह स्थान लव-कुश की जन्म स्थली के नाम से भी जाना जाता है |
चंद्रखुरी ( रायपुर )
रायपुर का चंद्रखुरी भगवान राम की माता कौशल्या जी का जन्म स्थली है |
राजिम ( गरियाबंद )
इस स्थान पर भगवान राम ने अपने कुल देव महादेव की पूजा की थी इसलिए यहां कुलेश्वर महाराज का मंदिर है |
सिहावा सप्त ऋषि आश्रम ( धमतरी )
भगवान राम ने इस आश्रम के ऋषि यों से बैठकर यहां कुछ समय व्यतीत किया था |
जगदलपुर ( बस्तर )
भगवान श्री राम वनवास काल के दौरान जगदलपुर क्षेत्र से ही गुजरे थे |
रामाराम ( सुकमा )
इस जगह पर भगवान श्रीराम ने भूदेवी की पूजा की थी जो कि वर्तमान में चिटमिटीन देवी के नाम से प्रसिद्ध है |
Ram van gaman path map
FAQ
14 वर्ष के वनवास में राम कहां-कहां रहे ?
भगवान राम 14 वर्ष के वनवास में निम्न जगहों के जंगलों में विचरण करते रहे-
उत्तर प्रदेश , झारखंड , छत्तीसगढ़ , मध्य प्रदेश , ओडिशा , कर्नाटक , महाराष्ट्र और तमिलनाडु
राम वन गमन पथ की कुल लंबाई कितनी है ?
राम वन गमन पथ (ram van gaman path) की कुल लंबाई छत्तीसगढ़ में लगभग 2260 किलोमीटर है |
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