समास के प्रकार | Samas Chart in Hindi

आज के इस आर्टिकल में Samas Chart in Hindi टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए समास के प्रकार के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।

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समास के प्रकार Samas Chart in Hindi

Samas Chart in Hindi

अव्ययीभाव समासशब्द के प्रारंभ में इत्यादि उपसर्ग लगे होते हैं
द्वंद समासदोनों पदों के बीच पूरक या विलोम का संबंध
बहुव्रीहि समासदोनों पद कम महत्वपूर्ण होते हैं तथा या दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद को दर्शाते हैं
द्विगु समास प्रथम पद संख्यावाचक
तत्पुरुष समासउत्तर पद प्रधान होता इनकी पहचान कारक चिन्ह से होती है
कर्मधारय समासदोनों पदों के मध्य विशेषण विशेष्य अथवा उपमेय उपमान का संबंध
Samas Chart in Hindi

समास के प्रकार Samas ke Prakar

समास के 6 प्रकार होते हैं –
अव्ययीभाव समास, द्विगु समास, द्वंद समास, कर्मधारय समास, बहुव्रीहि समास, तत्पुरुष समास

अव्ययीभाव समास

प्रथम पद या पूर्व पद की प्रधानता होती है |
इसका प्रथम पद उपसर्ग होता है |
जब शब्द की पुनरावृति होती है तो भी अव्ययीभाव समास होता है |

पहचान
जब शब्द के प्रारंभ में इत्यादि उपसर्ग लगे होते हैं तो वह अव्ययीभाव समास होता है |
अव्ययीभाव समास लिंग वचन कारक तथा काल किसी से भी प्रभावित नहीं होता |

उदाहरण

बेलगाम – बिना लगाम के
निर्भय – बिना भय के
भरपेट – पेट भर के


द्वंद समास

जब दोनों पदों की प्रधानता होती है तो उसे द्वंद समास कहते हैं |
जब दोनों पदों के बीच पूरक या विलोम का संबंध होता है तो उसे द्वंद समास कहते हैं |
इनकी संख्या तीन हैं –
वैकल्पिक द्वंद समास
समाहार द्वंद्व समास
इतरेतर द्वंद समास

वैकल्पिक द्वंद समास
जब दोनों पद अथवा शब्द से जुड़े होंगे और एक-दूसरे के विलोम होंगे वहां वैकल्पिक द्वंद समास होगा |
दिवारात्रि – दिवस अथवा रात्रि

समाहार द्वंद्व समास
जब दोनों पदों से उनके जैसे सभी पदों का बोध होगा वहां द्वंद समास होगा |
लेन-देन – लेन और देन
घास-फूस – घास और फूस

इतरेतर द्वंद समास
जब दोनों पद और शब्द से जुड़े होते हैं वहां इतरेतर द्वंद समास होता है |
हवा-पानी – हवा और पानी
भाई बहन भाई और बहन


बहुव्रीहि समास

जिसके दोनों पद कम महत्वपूर्ण होते हैं तथा या दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद को दर्शाते हैं और वही तीसरा पद प्रधान होता है तो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं |
दीनानाथ – वह जो दिन के नाथ हैं अर्थात सूर्य
मयूरवाहन – वह जिनका मयूर वाहन है अर्थात कार्तिकेय


द्विगु समास

दिगु समास में प्रथम पद संख्यावाचक और द्वितीय पद प्रधान होता है |
नवरत्न – नव रत्नों का समाहार
तिमाही – 3 माह के बाद आने वाली


कर्मधारय समास

कर्मधारय समास में दोनों पदों के मध्य विशेषण विशेष्य अथवा उपमेय उपमान का संबंध होता है |
नवयुवक – नया नया है जो युवक


तत्पुरुष समास

तत्पुरुष समास में उत्तर पद प्रधान होता है |
इसके दो प्रकार होते हैं-
समानाधिकरण तत्पुरुष समास
व्याधि करण तत्पुरुष समास

व्याधिकरण तत्पुरुष समास
व्याधिकरण तत्पुरुष समास 6 प्रकार के होते हैं जो उनके कारक चिन्ह के आधार पर उन्हें बांटे गए हैं |

कर्म अथवा द्वितीय तत्पुरुष समास
इसमें ‘को’ कारक चिन्ह लगता है |
विरोधजनक – विरोध को जन्म देने वाला

करण अथवा तृतीय तत्पुरुष समास
इसमें ‘से’, ‘के द्वारा’ कारण चिन्ह लगता है |
हस्तलिखित – हस्त द्वारा लिखित
करुणापूर्ण – करुणा से पूर्ण

संप्रदान अथवा चतुर्थ तत्पुरुष समास
इसमें के लिए कारक चिन्ह लगता है |
न्यायालय – न्याय के लिए आलय
देशभक्ति – देश के लिए भक्ति

अपादान अथवा पंचम तत्पुरुष समास
इसमें ‘से’ कारक चिन्ह लगता है |
‘से’ का भाव अलग होना या पास होना होता है |
धन – धन से हीन होना
ऋणमुक्त – ऋण से मुक्त होना

संबंध तत्पुरुष समास
इसमें ‘का’, ‘की’, ‘के’ कारक चिन्ह लगता है |
श्रमदान – श्रम का दान
जलराशि – जल की राशि

अधिकरण अथवा सप्तम तत्पुरुष समास
इसमें ‘में’, ‘पर’ कारक चिन्ह लगता है |
सिरदर्द – सिर में दर्द
शरणागत – शरण में आगत


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FAQ

समास कितने प्रकार के होते हैं ?

समास के 6 प्रकार होते हैं
अव्ययीभाव समास, द्विगु समास, द्वंद समास, कर्मधारय समास, बहुव्रीहि समास, तत्पुरुष समास

हमने आज के आर्टिकल में Samas Chart in Hindi के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और साथ ही समास के प्रकार के बारे में बहुत ही अच्छे ढंग से समझा | आपको यह जानकारी कैसी लगी नीचे कमेंट करके जरूर बताएं |

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