वर्ण कितने प्रकार के होते हैं | Varn kitne prakar ke hote hain

आज के इस आर्टिकल में वर्ण कितने प्रकार के होते हैं Varn kitne prakar ke hote hain टॉपिक को आगे बढ़ाते हुए वर्ण किसे कहते हैं Varn ki Parivhasha और वर्ण के भेद Varn ke bhed बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे ।

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वर्ण कितने प्रकार के होते हैं | Varn kitne prakar ke hote hain

वर्ण किसे कहते हैं | Varn ki Parivhasha

ध्वनि का लिखित रूप वर्ण कहलाता है अर्थात ध्वनियों को लिखने के लिए कुछ विशेष चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उसे ही वर्ण कहते हैं |


वर्ण कितने प्रकार के होते हैं | Varn kitne prakar ke hote hain

1. स्वर
2. व्यंजन
नोट – अयोगवाह में ‘अं’ और ‘अः’ दो वर्ण आते हैं |
अयोगवाह में स्वर और व्यंजन दोनों के गुण होते हैं |
यह स्वर और व्यंजन दोनों के बीच की कड़ी होती हैं |


स्वर | Swarg ki paribhasha

जिन का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता है स्वर कहलाते हैं स्वरों की कुल संख्या 13 होती है | लेकिन मूलतः स्वर की संख्या 11 होती है –

अ, आ, इ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ, अं, अः

जब हम किसी शब्द की शुरुआत स्वर से करते हैं तो वह अपने वास्तविक रूप में आता है |

जैसे – आम, आकाश, एहसास

जब किसी शब्द में किसी व्यंजन के साथ दो स्वर जोड़ते हैं तो पहला स्वर मात्रा के रूप में तथा दूसरा स्वर अपने वास्तविक रूप में आता है |
जैसे – शुरुआत, गुंजाइश, मात्राएं


स्वरों के प्रकार | Sawar kitne prakar ke hote hain

स्वरों का वर्गीकरण कई प्रकार से किया जाता है –
1. उत्पत्ति के आधार पर
2. उच्चारण काल के आधार पर
3. जीभ के प्रयोग के आधार पर
4. होठों की स्थिति के आधार पर
5. मुंह खोलने की स्थिति के आधार पर


उच्चारण काल के आधार पर
उच्चारण काल के आधार पर स्वरों की संख्या तीन होती हैं –
1. हस्व स्वर
2. दीर्घ स्वर
3. प्लुत स्वर

हस्व स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में कम समय लगता है उसे हस्व स्वर कहते हैं |
उदाहरण – अ, इ, उ, ऋ

दीर्घ स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में लघु स्वरों की तुलना में दोगुना समय लगता हो उन्हें दीर्घ स्वर कहते हैं |
उदाहरण – आ, ई, ऊ, ए, ऐ, ओ, औ

प्लुत स्वर

जिन स्वरों के उच्चारण में दीर्घ स्वर की तुलना में और भी ज्यादा समय लगता है उसे प्लुत स्वर कहते हैं |
इनका प्रयोग पुकारते समय होता है |
उदाहरण – मो ऽ ऽ हन


व्यंजन Vyanjan ki paribhasha

स्वरों के बिना व्यंजनों का उच्चारण संभव नहीं है |
बिना स्वर वाले व्यंजन में हल लगा होता है |
उदाहरण – स्
जिसे आधा व्यंजन भी कहते हैं |

हिंदी वर्णमाला में 39 व्यंजन होते हैं –
25 स्पर्श व्यंजन
4 अंतःस्थ व्यंजन
4 ऊष्म व्यंजन
4 संयुक्त व्यंजन
2 द्विगुण व्यंजन

परंपरागत रूप से कुल 33 व्यंजन होते हैं –
क से ह तक

प्रत्येक व्यंजन में ‘अ’ मिला होता है उसके नीचे हलंत नहीं लगता |

क् ख् ग् घ् ङ्
च् छ् ज् झ् ञ्
ट् ठ् ड् ढ् ण्
त् थ् द् ध् न्
प् फ् ब् भ् म्
य् र् ल् व्
श् ष् स् ह्
क्ष् त्र् श्र् ज्ञ्
ड़ ढ़


व्यंजनों के प्रकार | Vyanjan ke kitne bhed hote hain

हिंदी वर्णमाला में व्यंजन पांच प्रकार के होते हैं –
1. स्पर्श व्यंजन
2. अंतःस्थ व्यंजन
3. ऊष्म व्यंजन
4. संयुक्त व्यंजन
5. द्विगुण व्यंजन

स्पर्श व्यंजन

जिन व्यंजनों के उच्चारण में हवा मुख के किसी ना किसी भाग को छूकर निकलती है उन्हें स्पर्श व्यंजन करते हैं |यह 25 होते हैं –
क् से म् तक

अंतःस्थ व्यंजन

जिन व्यंजनों का उच्चारण स्वरों व व्यंजनों के बीच होता है उन्हें अंतःस्थ व्यंजन कहते हैं इन्हें अर्धस्वर भी कहा जाता है | यह चार होते हैं –
य्
र्
ल्
व्

ऊष्म व्यंजन

जिन ध्वनियों के उच्चारण में हवा मुख के किसी स्थान पर रगड़ खाकर निकले तथा ऊष्मा पैदा करें उन्हें ऊष्म व्यंजन कहते हैं | यह चार प्रकार के होते हैं –
श्
ष्
स्
ह्

संयुक्त व्यंजन

जो व्यंजन दो व्यंजनों से मिलकर बना होता है उसे संयुक्त व्यंजन कहते हैं | हिंदी वर्णमाला में यह चार हैं –
क्ष् – क् ष्
त्र् – त् र्
ज्ञ् – ज् ञ्
श्र् – श् र्

उत्क्षिप्त व्यंजन / द्विगुण व्यंजन

जिनके उदाहरण में जीभ पहले ऊपर उठकर मोरधा को स्पर्श करें और फिर झटके के साथ नीचे को आए द्विगुण व्यंजन कहते हैं | उनकी संख्या दो होती है –
ड़
ढ़

नोट – यह हिंदी के नवीन विकसित व्यंजन है यह संस्कृत भाषा में नहीं है


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वर्ण किसे कहते हैं इसके कितने भेद हैं ?

ध्वनियों के लिखित रूप को वर्ण कहते हैं अर्थात ध्वनियों को लिखने के लिए जिन चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उसे वर्ण कहते हैं
वर्ण दो प्रकार के होते हैं स्वर और व्यंजन

ध्वनि और वर्ण किसे कहते हैं ?

ध्वनि का लिखित रूप वर्ण कहलाता है अर्थात ध्वनियों को लिखने के लिए कुछ विशेष चिन्हों का प्रयोग किया जाता है उसे ही वर्ण कहते हैं |

Varn kitne prakar ke hote hain ?

हिंदी व्याकरण में वर्ण दो प्रकार के होते हैं स्वर और व्यंजन
स्वरों की संख्या 13 होती है
व्यंजनों की संख्या 39 होती है
अर्थात हिंदी में कुल 52 वर्ण होते हैं

स्वर वर्ण किसे कहते हैं ?

जिन वर्णों का उच्चारण स्वतंत्र रूप से होता है स्वर कहलाते हैं स्वरों की कुल संख्या 13 होती है

व्यंजन वर्ण किसे कहते हैं ?

व्यंजन वर्णों का उच्चारण स्वरों के बिना असंभव है बिना स्वर वाले व्यंजनों में हलंत लगा होता है
उदाहरण – त्
इसलिए इसे आधा व्यंजन कहते हैं |

हमने आज के आर्टिकल में वर्ण कितने प्रकार के होते हैं Varn kitne prakar ke hote hain के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की और साथ ही वर्ण किसे कहते हैं Varn ki Parivhasha और वर्ण के भेद Varn ke bhed के बारे में बहुत ही अच्छे ढंग से समझा |

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