विराम चिन्ह किसे कहते हैं | Viram chinh kise kahate hain

इस पोस्ट में हमारे द्वारा विराम चिन्ह किसे कहते हैं Viram chinh kise kahate hain और विराम चिन्ह का प्रयोग Viram chinh ka prayog के बारे में जानकारी दी गई है |

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विराम चिन्ह किसे कहते हैं Viram chinh kise kahate hain

विराम चिन्ह किसे कहते हैं Viram chinh kise kahate hain

विराम का शाब्दिक अर्थ विश्राम या ठहरावहोता है लेखन कार्य में भावों अथवा विचारों में ठहराव के लिए विराम चिन्हों का प्रयोग करते हैं |
जैसे खेलो मत, बैठो
खेलो, मत बैठो

श्री कामता प्रसाद के अनुसार विराम चिन्ह 20 होते हैं |
श्री कामता प्रसाद के अनुसारपूर्ण विराम ( Purn Viram Chinh) । को छोड़कर अन्य विराम चिन्ह अंग्रेजी भाषा से लिए गए हैं |


विराम चिन्ह का प्रयोग Viram chinh ka prayog

पूर्ण विराम Purn Viram Chinh (। )

प्रत्येक पूर्ण वाक्य के अंत में तथा प्राचीन भाषा में पद्यो में यति के स्थान पर पूर्ण विराम का प्रयोग किया जाता है ।


उप विराम Up viram chinh ( : )

किसी शब्द की सीमा निर्धारण के लिए अथवा लिखित संवादों में उप विराम का प्रयोग करते हैं।
विज्ञान : एक वरदान
दीपक : तुम कहां जा रहे हो ?
सोनू : मैं बाजार जा रहा हूं ।


अर्धविराम Ardh viram ( ; )

जब एक वाक्य का भाव दूसरे वाक्य में पूरा होता है अथवा दूसरे वाक्य का भाव पहले वाक्य में वहां अर्धविराम का प्रयोग करते हैं अर्धविराम के स्थान पर अल्पविराम का भी प्रयोग कर सकते है ।

अल्पविराम Alp viram Chinh ( , )

अल्पविराम का क्षेत्र व्यापक होता है इसका प्रयोग कम ठहराव के लिए होता है।

खेलो, मत बैठो


प्रश्नवाचक चिन्ह ( ? )

प्रश्नों का बोध कराने वाले वाक्यों के अंत में प्रश्नवाचक चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
वहां कौन था?


विस्मयादिबोधक चिन्ह ( ! )

किसी व्यक्ति को संबोधित करते समय अथवा हर्ष शोक घृणा करुणा भय आश्चर्य प्रेम आदि भावों को व्यक्त करने के लिए विस्मयादिबोधक चिन्ह ! का प्रयोग कर किया जाता है |
अरे ! तुम इतनी जल्दी आ गए ।


अवतरण चिन्ह Avtaran chinh

इस चिह्न के दो रूप होते हैं
1. इकहरा उद्धरण चिन्ह
2. दोहरा उद्धरण चिन्ह

इकहरा उद्धरण चिन्ह ( ” )
किसी शब्द वाक्यांश वाक्य को अलग से दिखाने के लिए लेखक या कवि का नाम कोई शीर्षक पुस्तक का नाम समाचार पत्र का नाम इत्यादि को लिखते समय इकहरा उद्धरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
‘पूस की रात’

दोहरा उद्धरण चिन्ह Dohra udharan chinh ( ” ” )
परिभाषाओं, प्रत्यक्ष कथनों, कहावतों, प्रसिद्ध पंक्तियों इत्यादि को लिखते समय दोहरा उद्धरण चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
प्रकाश ने कहा था, “धीरे-धीरे कुछ नहीं मिलता केवल मौत मिलती है।”


संयोजक चिन्ह / सामासिक चिन्ह / योजक चिन्ह Yojak chinh ( – )

योजक चिह्न का प्रयोग इस प्रकार होता है
विपरीतार्थक शब्द :- लाभ-हानि
दोनों खंड प्रधान :- दाल-रोटी
और लुप्त :- माता-पिता
सहचर शब्द :- तन-मन-धन
संयुक्त क्रियाएं :- पढ़ना-लिखना
शब्द दो बार प्रयुक्त :- बार-बार
के स्थान पर :- पद के भेद, पद-भेद
सा सी से पहले :- चांदी-सा


निर्देशक चिन्ह Nirdehank Chinh ( – )

यह चिन्ह योजक चिन्ह – से थोड़ा बड़ा होता है इस चिन्ह का प्रयोग संवादों को लिखने के लिए वाक्य में किसी पर का विवरण देने के लिए अन्य किसी पद का विवरण देने के लिए इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है

मीरा – तुम मेरे साथ घर चलोगी?
शीला – हां, बिल्कुल।


विवरण चिन्ह :- Vivran Chinh

किसी पद की व्याख्या करने या किसी के बारे में विस्तार से बताने, सूचना, निर्देश आदि देने के लिए विवरण चिन्ह का प्रयोग होता है। उदाहरण
विशेष:-


कोष्ठक चिन्ह Kostak chinh ( ) [ ]

वाक्य में प्रयुक्त पद विशेष का अर्थ अच्छी तरह से स्पष्ट करने के लिए वक्ता के मनोभाव को स्पष्ट करने के लिए कोष्ठक चिन्ह का प्रयोग होता है। उदाहरण
सहर (सुबह) होते ही मजदूर घर से निकल पड़े।


विस्मरण चिन्ह हंस पद या त्रुटिबोधक चिन्ह ( ^ )

जब किसी वाक्य अथवा वाक्यांश में कोई शब्द या अक्षर लिखने में छूट जाता है तो छूटे हुए वाक्य के नीचे हंस पद चिन्ह का प्रयोग कर छूटे हुए शब्द को ऊपर लिख देते हैं । उदाहरण
‌‌ बाजार
मैं पिताजी के साथ^गया।


लाघव चिन्ह संकेत चिन्ह Laghav chin ( ॰ )

लघु छोटा से लाघव बना है किसी प्रचलित बड़े शब्द के छोटे रूप को लिखने के लिए लाघव चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
छत्तीसगढ़ – छ॰ ग॰


लोप‌ चिन्ह ……..

इस चिन्ह का प्रयोग वाक्य में छोड़े गए अंश के लिए गोपनीय अश्लील पदों को छुपाने के लिए रिक्त स्थान दिखाने के लिए कहानी आदि में सस्पेंस लाने या उत्तरोत्तर जिज्ञासा बढ़ाने के लिए किया जाता है उदाहरण
सूर्या …….. दिशा से उगता है |


दीर्घ उच्चारण या प्लुत चिन्ह ( ऽऽ )

हिंदी में प्लुत स्वरों के उच्चारण में या किसी को पुकारने में इस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है |
राऽऽधाऽऽ जल्दी आओ


पुनरुक्ति या अनुवृति चिन्ह ( ,, )

एक ही शब्द को बार-बार लिखने से बचने के लिए इसे चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।


रेखा चिन्ह ( ______ )

जिन शब्दों या वाक्य के विषय में कुछ विशेष अवधारणा देनी होती है उनके नीचे रेखा चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।


तुल्यता सूचक चिन्ह ( = )

किसी शब्द का अर्थ दिखाने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। उदाहरण –
पाषाण = पत्थर
धारा = पृथ्वी


अथवा चिन्ह ( / )

किसी शब्द के स्थान पर दूसरे शब्द के प्रयोग को दिखाने के लिए अथवा चिन्ह का प्रयोग करते हैं।
गाय अथवा घोड़ा मैदान में हैं – गाय/घोड़ा
गाय/घोड़ा – दोनों में से कोई एक


समाप्ति सूचक चिन्ह

किसी लेख अध्याय अथवा पुस्तक की समाप्ति होने पर किस चिन्ह का प्रयोग किया जाता है।
इसका प्रयोग पेज के बीचो बीच में करते हैं।
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This Post Has One Comment

  1. Durgesh sahu

    😊👍👌

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